दूसरे समुदाय में शादी की तो नहीं दिया बेटी को हिस्सा, सुप्रीम कोर्ट ने भी दिया पिता का साथ
जस्टिस चंद्रन ने फैसला लिखते हुए कहा, 'साबित हो चुकी वसीयत में दखल नहीं दिया जा सकता है। हाईकोर्ट और ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द किया जाता है। यह पाया गया है कि वादी (शायला) का अपने पिता की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं है, जो वसीयत के जरिए अन्य भाई-बहनों को दे दी गई है।'
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