काजी और शरिया अदालत को भारतीय कानून के तहत मान्यता नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने विश्व लोचन मदन बनाम भारत संघ में 2014 की मिसाल का उल्लेख किया जिसमें यह स्पष्ट किया गया था कि शरीयत अदालतों और फतवों को कोई कानूनी मंजूरी नहीं है।
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