पत्नी को जलाने के आरोप, 12 साल कैद काटी; अब सु्प्रीम कोर्ट ने अचानक क्यों किया बरी

मामले की सुनवाई जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस एहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच कर रही है। उनका कहना है कि अगर मृतक के मरने से पहले दिए बयान में ज्यादा विरोधाभास हैं, तो दोषसिद्धि नहीं हो सकती है।

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