यासीन मलिक में कोई सुधार नहीं... महात्मा गांधी से तुलना करने पर जानिए क्या बोले जज

न्यायाधीश ने कहा कि यह सही हो सकता है कि अपराधी ने वर्ष 1994 में बंदूक छोड़ दी हो, लेकिन उसने वर्ष 1994 से पहले की गई हिंसा के लिए कभी कोई खेद व्यक्त नहीं किया है।

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