
मजदूरों के लिए इससे बुरा दिन क्या होगा कि जो दिवस उनके हक के लिए मनाया जाता हो, उस दिन देश के लाखों मजदूर काम-धंधे बंद होने से अलग-अलग महानगरों से गांव जाने के लिए बेसब्र बैठे हैं। सरकार और संस्थान...
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