हर साल हो रहा लाखों पलायन पर चुनाव में नहीं बन रहा मुद्दा
मेरे घर में बीबी है, बच्चे हैं, मां-बाप है, फिर भी है नौकरी नहीं, यही एक अभिशाप है।छोड़ के अपना घर-बाड़, अब हम तो चले परदेशचाहिए दो जून की रोटी, और कोई कारण नहीं विशेष।।पलायन पर किसी कवि की...
from Live Hindustan Rss feed http://bit.ly/2GQ3sd6
from Live Hindustan Rss feed http://bit.ly/2GQ3sd6
Comments
Post a Comment